Maa Baglamukhi Birth Celebration: रामदेव कालोनी स्थित माता बगलामुखी मंदिर में माता बगलामुखी का जन्मोत्सव 15 मई को विशेष रूप से मनाया जाएगा। श्री बगलामुखी मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित अनिल शर्मा और महंत वैभव शर्मा ने बताया कि 15 मई को मां का जन्मोत्सव पर माता की चौकी का विशेष आयोजन किया जाएगा। माता की चौकी में प्रसिद्ध कलाकार मां की महिमा का गुणगान करेगे।
दस में से मां बगलामुखी आठवी महाविद्या
इस अवसर पर सुबह से लेकर देर रात तक विशेष हवन होगा जिसमें श्रद्धालु अपनी आहुतियां डालकर मां का आशिर्वाद प्राप्त कर सकते है। इस दिन सुबह से ही छोले भूटरे, आलू पुरी, दाल मखनी, मटर पनीर, हलवा, गोल गप्पे, गुलाब जामुन, रसगुल्ले और आईसक्रीम के भंडारे का डीनर तक व्वस्था रहेगी। पंडित अनिल शर्मा और महंत वैभव शर्मा ने बताया कि दस में से मां बगलामुखी आठवी महाविद्या हैं।
Maa Baglamukhi Birth Celebration: रंग पीला होने से पीताम्बरा देवी कहते हैं
हल्दी रंग के जल से इनका प्रकट होना बताया जाता है। इसलिए, हल्दी का रंग पीला होने से इन्हें पीताम्बरा देवी भी कहते हैं। इनके कई स्वरूप हैं। इस महाविद्या की उपासना रात्रि काल में करने से विशेष सिद्धि की प्राप्ति होती है। इनके भैरव महाकाल हैं।मां बगलामुखी स्तंभव शक्ति की अधिष्ठात्री हैं अर्थात यह अपने भक्तों के भय को दूर करके शत्रुओं और उनके बुरी शक्तियों का नाश करती है। मां बगलामुखी का एक नाम पीताम्बरा भी है इन्हें पीला रंग अति प्रिय है इसलिए इनके पूजन में पीले रंग की सामग्री का उपयोग सबसे ज्यादा किया जाता है.
Maa Baglamukhi Birth Celebration: भक्त हर प्रकार की बाधा से हो जाता मुक्त
मां बगलामुखी का रंग स्वर्ण के समान पीला होता है । माता बगलामुखी शत्रुनाश, वाकसिद्धि, वाद विवाद
में विजय के लिए इनकी उपासना की जाती है. इनकी उपासना से शत्रुओं का नाश होता है तथा भक्त का
जीवन हर प्रकार की बाधा से मुक्त हो जाता है. बगला शब्द संस्कृत भाषा के वल्गा का अपभ्रंश है, जिसका
अर्थ होता है दुलहन है अत: मां के अलौकिक सौंदर्य और स्तंभन शक्ति के कारण ही इन्हें यह नाम प्राप्त है।
बगलामुखी देवी रत्नजडित सिहासन पर विराजती होती है।
देवी के भक्त को तीनो लोकों में कोई नहीं हरा पाता
रत्नमय रथ पर आरूढ़ हो शत्रुओं का नाश करती है। देवी के भक्त को तीनो लोकों में कोई नहीं
हरा पाता और वह जीवन के हर क्षेत्र में सफलता पाता है पीले फूल और नारियल चढाने से देवी
प्रसन्न होतीं है। मां को पीली हल्दी के ढेर पर दीप-दान करें, देवी की मूर्ति पर पीला वस्त्र चढाने से
बड़ी से बड़ी बाधा भी नष्ट होती है। बगलामुखी देवी के मन्त्रों से दुखों का नाश होता है। पिताबंरा
की उपासना से मुकदमा में विजयी प्राप्त होती है। शत्रु पराजित होते हैं। रोगों का नाश होता है।
साधकों को वाकसिद्धि हो जाती है। इन्हें पीले रंग का फूल, बेसन एवं घी का प्रसाद, केला,
रात रानी फूल विशेष प्रिय है।