Cyber Bullying: विश्व स्वास्थ्य संगठन ने साइबर बुलिंग की रिपोर्ट ने हर माता पिता को चौका दिया है। इस रिपोर्ट के अनुसार हर 6 में से 1 बच्चा साइबर बुलिंग का शिकार होता है. वही करोना के बाद पढ़ाई को भी बैग की जगह मोबाइल और कंप्यूटर के साथ जोड़ दिया गया है। वहीं इससे साइबर बुलिंग का खतरा और बढ़ गया है।
Cyber Bullying: जहां कारोना महामारी ने एक नए जमाने की शुरुआत की
साइबर बुलिंग पर आई रिपोर्ट के अनुसार, 11 से 15 साल की उम्र के 16 प्रतिशत बच्चों ने 2022 में इसका का अनुभव किया गया. जहां कारोना महामारी ने एक नए जमाने की शुरुआत की. वही छोटे-छोटे बच्चे भी सोशल मीडिया से जुड गए. उनका स्क्रीन टाइम भी बढ़ गया. पढ़ाई को भी बैग की जगह मोबाइल और कंप्यूटर के साथ जोड़ दिया गया है . ऐसे में साइब बुलिंग खतरे और भी ज्यादा बढ़ गए हैं.
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आपका बच्चा इसका शिकार है या नहीं आप इसका कैसे पता लगा सकते हैं
साइबर बुलिंग जब कोई इंसान किसी दूसरे इंसान को परेशान करे, धमकाने, शर्मिंदा करे या फिर निशाना बनाने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करता है. साइबर बुलिंग करने के लिए स्मार्टफोन, कंप्यूटर, टैबलेट और गेमिंग सिस्टम का सहारा लेते है. हालांकि, लेकिन आपका बच्चा इसका शिकार है या नहीं आप इसका पता लगा सकते हैं.
बच्चा आपको कोई टिप्पणी की पोस्ट दिखाता है जो कठोर तो ये साइबरबुलिंग
वही आपका बच्चा आपको कोई टिप्पणी की पोस्ट दिखाता है जो कठोर तो ये साइबरबुलिंग का हिस्सा है. अगर वो उससे शर्मिंदा हो रहा है ये भी इसी का हिस्सा है. या फिर अगर कोई व्यक्ति परेशान करने और धमकाने के लिए फर्जी अकाउंट या स्क्रीन अकाउंट बनाता है, ये भी साइबर बुलिंग है.
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