CM Naib Saini: हरियाणा में करनाल विधानसभा सीट पर 25 मई को उपचुनाव होना है। भाजपा ने हरियाणा के सीएम नायब सैनी (Nayab Saini) को मैदान में उतारा है, लेकिन कांग्रेस सीएम के सामने किस उम्मीदवार को मैदान में उतारने वाली है इसका अभी तक पता नहीं। इसको लेकर अभी भी संशय बना हुआ है। कांग्रेस सीएम के सामने कोई मजबूत चेहरा ही लेकर आएगी। कांग्रेस किसी भी जल्दबाजी के मूड में नजर नहीं आ रही है, कांग्रेस हर कदम फूंक फूंक कर और रणनीति के साथ रखती हुई नजर आ रही है। राजनीतिक विशेषज्ञों की माने तो फिलहाल कांग्रेस (Congress)
की करनाल से विधानसभा प्रत्याशी तरलोचन सिंह पर दांव खेलने के चांस ज्यादा नजर आ रहे है। इसके बाद दूसरे
नंबर पूर्व विधायक सुमिता सिंह, तीसरे पर अशोक खुराना, चौथे नंबर पर सुरेश गुप्ता के नामों की चर्चा है।
कांग्रेस अपने जातीय समीकरण भी देख रही है। वहीं अभी तक इनेलो और जजपा उपचुनाव में किसको उतारेगी,
उसका अभी तक कुछ स्पष्ट नहीं है।
पूर्व सीएम के सामने पहले लड़ चुके है चुनाव
करनाल की राजनीति की समझ रखने वाले हरीश कुमार ने बताया कि हालांकि त्रिलोचन सिंह और सुमिता सिंह हुड्डा
खेमे हैं। लेकिन जहां तक पिछले 10 साल की बात करें तो त्रिलोचन सिंह हर वक्त लोगों के साथ खड़े नजर आए।
लेकिन सुमिता सिंह अब 2 साल से ही करनाल में सक्रिय नजर आ रही है। उन्होंने न तो 2014 में पूर्व सीएम
मनोहर लाल के सामने चुनाव लड़ा और न ही 2019 में। 2014 उन्होंने करनाल को छोड़कर असंध विधानसभा
से चुनाव लड़ा। वहीं 2019 में उन्होंने चुनाव से दूरी बनाए रखी। इस दौरान करनाल में एक मात्र तरलोचन सिंह
ही ऐसे नेता थे जिन्होंने न केवल जनता की आवाज उठाई बल्की 2019 में मनोहर लाल के खिलाफ चुनाव भी
लड़ा और उनके सामने 34718 वोट लेकर दूसरे नंबर पर रहे। इस लिए कांग्रेस अब उनपर दाव खेल सकती है।
CM Naib Saini: 2 बार करनाल से विधायक रही सुमीता सिंह
यूथ फॉर चेंज एसोसिएशन के एडवोकेट राकेश ढूल की का कहना है कि सुमिता सिंह 2005 से 2014 तक लगातार
दो बार विधायक रह चुकी है और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के काफी करीबी मानी जाती है। अगर जातीय
समीकरण की बात करें तो सुमित सिंह जाट समाज से आती है और शादी सिख समाज में हो रखी है। दोनों समुदायों
की करनाल विधानसभा में 23 हजार से ज्यादा वोट है। तीसरा मुख्य कारण यह है कि सुमिता सिंह का
पंजाबी बिरादरी सहित सभी समुदायों में अच्छा वोट बैंक है। इतना ही नहीं सुमित विधानसभा उप चुनाव में
सीएम नायब सैनी के सामने चुनाव लड़ने का दावा भी ठोक चुकी है। कांग्रेस उनपर भी दाव खेल सकती है।
पजांबी समुदाय पर खेल सकती है कांग्रेस दाव
करनाल की राजनीति में अच्छी समझ रखने वाले आकृति NGO के अध्यक्ष अनुज सैनी का कहना है कि करनाल में
सबसे ज्यादा 63226 पंजाबी समुदाय की वोट है और कांग्रेस नायब सैनी के सामने पंजाबी चेहरे को ही मैदान में
उतारेगी। इस समय पंजाबी सामज में बड़ा चेहरा अशोक खुराना है और नायब सैनी के सामने चुनाव लड़ने का
दावा भी ठोक चुके है। अगर पंजाबी चेहर पर कांग्रेस पर दाव खेलती है। अशोक खुराना बड़ा चेहरा है।
CM Naib Saini: अग्रवाल सामज में सुरेश गुप्ता बड़ा चेहरा
DAV कॉलेज के प्राचार्या R.P सैनी का मानना है कि करनाल विधानसभा सीट पर पंजाबी सुमदाय के बाद सबसे
ज्यादा वोट अग्रवाल समाज से की है और कांग्रेस में अग्रवाल समाज से बड़ा चेहरा सुरेश गुप्ता है। वहीं सुरेश गुप्ता
SRK ग्रुप से आते है। अगर टिकट वितरण में SRK ग्रुप की चली तो उन्हें करनाल में सीएम के सामने उन्हें मैदान
मे उतार सकती है।
पहले उपचुनाव में जीत चुकी भाजपा
1987 के करनाल विधानसभा उपचुनाव में भाजपा के लछमन दास ने कांग्रेस के जयप्रकाश जेपी को कांटे की टक्कर
में 5202 वोटों से हराया था। अब इस सीट पर चुनाव हरियाणा के सीएम नायब सैनी लड़ रहे है और कांग्रेस,
जेजेपी और इनेलो अभी उम्मीदवारों की तलाश में है। जैसे ही उम्मीदवार फाइनल होंगे, उसके बाद ही अंदाजा
लगाया जा सकता है कि ऊंट किस करवट बैठेगा। इस लोकसभा सीट पर क्या हैं जनता के मुद्दे और क्या है
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