Manoj Wadhwa: पूर्व सीएम मनोहर लाल के विधायक पद से इस्तीफा देने और मुख्यमंत्री नायब सिंह को करनाल विधानसभा से उपचुनाव में प्रत्याशी बनाए जाने के बाद से करनाल भाजपा में बगावत के शुरू हो गई है। करनाल नगर निगम में उप महापौर रह चुके मनोज वधवा ने बुधवार को भाजपा से त्याग पत्र दे दिया। पार्टी छोड़ने का कारण उन्होंने निजी बताया है, लेकिन सूत्र बताते हैं कि वह पार्टी की ओर से लंबे समय से हाशिए पर रखे जाने से असंतुष्ट थे। वह अब सीएम सैनी के मुकाबले कांग्रेस के उम्मीदवार हो सकते हैं। हालांकि, इससे पहले कांग्रेस से पूर्व मंत्री भीम सेन मेहता का नाम चल रहा था।
Manoj Wadhwa: इनेलो प्रत्याशी के रूप में ताल ठोक चुके
मनोज वधवा वर्ष 2013 से 2018 तक नगर निगम में डिप्टी मेयर रह चुके हैं। उस समय वह इनेलो में थे। वर्ष 2014 में मनोज वधवा मनोहर लाल के सामने इनेलो प्रत्याशी के रूप में ताल ठोक चुके हैं। हालांकि उनको तब 17 हजार 685 वोट ही मिले थे। इसके बाद उनकी पत्नी आशा वधवा ने भाजपा प्रत्याशी रेणु बाला गुप्ता के सामने मेयर का चुनाव लड़ा था। रेणुबाला ने 92,540 मत हासिल करते हुए आशा वधवा को 9,348 वोटों से मात दी।
भाजपा में रहकर भी हाशिए पर चले
2019 में वधवा ने मनोहर लाल के नेतृत्व में भाजपा का दामन थाम लिया था, लेकिन पार्टी की गतिविधियों में उनकी सक्रियता को चमक नहीं मिल सकी। मनोज ने कहा कि भाजपा में शामिल होने के दौरान पार्टी में उनकी अहमियत और क्षेत्र के विकास को लेकर जो वादे उनसे किए गए थे, वह कहीं पीछे छूट गए और वह भाजपा में रहकर भी हाशिए पर चले गए। वधवा करनाल के स्थानीय होने के साथ साथ पंजाबी समुदाय का बड़ा चेहरा हैं। मनोज वधवा ने बताया कि उन्होंने निजी कारणों से भाजपा छोड़ी है। नई पारी के लिए अपने साथियों से विचार-विमर्श करके कोई निर्णय लेंगे, लेकिन सूत्रों का दावा है कि वह पूर्व सीएम भूूपेंद्र सिंह हुड्डा के संपर्क में हैं और कांग्रेस उन्हें करनाल विधानसभा से उप चुनाव में उतारेगी।