Saturday, September 14, 2024
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IAS UPSC Exam: IAS अधिकारी बनने के लिए कैसे करे तैयारी, जानें परीक्षा की पूरी कहानी

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IAS UPSC Exam: संघ लोक सेवा आयोग परीक्षा (यूपीएससी परीक्षा) पास करने के बाद आईएएस, आईपीएस, आईईएस या आईएफएस अधिकारियों का चयन किया जाता है, लेकिन इन सभी अधिकारियों का काम अलग-अलग होता है और उनकी भूमिकाएं भी अलग-अलग होती हैं। क्या आप जानते हैं कि आईएएस अधिकारी कैसे बनें और आईएएस की ताकत क्या हैं? तो आइए हम आपको बताते हैं कि आईएएस ऑफिसर बनने के लिए क्या करना होगा।

आईएएस बनने के लिए संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई) में शामिल होना पड़ता है और इसके लिए किसी भी आवेदक का ग्रेजुएट होना जरूरी है। किसी भी विषय या स्ट्रीम से ग्रेजुएट छात्र इस परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है और इसकी तैयारी करने वाले छात्रों को कड़ी मेहनत करनी पड़ती है।

IAS UPSC Exam: सिविल सेवा परीक्षा के लिए आयु सीमा

टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के अनुसार, यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होने के लिए छात्रों की न्यूनतम आयु 21 वर्ष है। सामान्य वर्ग के आवेदक अधिकतम 32 वर्ष की आयु तक 6 बार इस परीक्षा में भाग ले सकते हैं। एसटी-एससी के लिए आयु सीमा 21 वर्ष से 37 वर्ष है, जबकि इस वर्ग के छात्रों के लिए परीक्षा देने की कोई सीमा नहीं है। ओबीसी के लिए आयु सीमा 21 से 35 वर्ष है और इस वर्ग के छात्र 9 बार परीक्षा दे सकते हैं। जबकि शारीरिक रूप से अक्षम उम्मीदवारों के लिए आयु सीमा 21 से 42 वर्ष है। इस कैटेगरी में जनरल और ओबीसी अभ्यर्थी 9 बार परीक्षा दे सकते हैं, जबकि एसटी-एससी के लिए कोई सीमा नहीं है.

विषय चयन बहुत महत्वपूर्ण है

सिविल सेवा परीक्षा के लिए आपको कुल 25 विषयों में से अपना विषय चुनना होगा। विषय का चयन करते समय इस बात का ध्यान रखें कि वही विषय चुनें जिसमें पढ़ना आपके लिए आसान हो। 10वीं के बाद केवल वही विषय चुनें जिसमें आपकी रुचि हो और जिसे आप सिविल सेवा परीक्षा के दौरान चुन सकें। अपनी पसंद का विषय होने से आपको तैयारी करने में आसानी होगी।

ऐसे करें यूपीएससी परीक्षा की तैयारी

यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए समय प्रबंधन बहुत महत्वपूर्ण है। इसके लिए एक रूटीन बनाएं और उसी के अनुसार तैयारी करें। करेंट अफेयर्स से अवगत रहें और इसके लिए रोजाना अखबार और मैगजीन पढ़ें। प्रत्येक विषय के लिए अलग-अलग नोट्स बनाएं और नियमित रूप से रिवीजन करते रहें। इसके साथ ही आप पढ़ाई के लिए कोचिंग की मदद भी ले सकते हैं, हालांकि यह जरूरी नहीं है। परीक्षा की तैयारी के लिए आप मॉक टेस्ट दे सकते हैं, जिससे आपको अभ्यास करने में मदद मिलेगी।

आईएएस बनने के लिए 3 चरणों से गुजरना पड़ता है

यूपीएससी परीक्षा पास करने के लिए छात्रों को 3 चरण पार करने होते हैं। इसमें सबसे पहले उम्मीदवारों को प्रारंभिक परीक्षा (UPSC Preliminary Exam) पास करनी होगी. प्रीलिम्स परीक्षा पास करने के बाद छात्रों को मेन्स परीक्षा (UPSC Mains Exam) देनी होती है और इसमें पास होने के बाद उम्मीदवारों को इंटरव्यू (UPSC इंटरव्यू) के लिए बुलाया जाता है।

IAS UPSC Exam: प्रीलिम्स परीक्षा में दो पेपर देने होते हैं

यूपीएससी प्रीलिम्स परीक्षा में दो-दो घंटे के 2 पेपर होते हैं। दूसरा पेपर CSAT क्वालीफाइंग होता है और इसे पास करने के लिए 33 फीसदी अंक लाना जरूरी है. कटऑफ पहले पेपर के अंकों के आधार पर तैयार की जाती है और कटऑफ के अनुसार उम्मीदवारों का चयन मुख्य परीक्षा के लिए किया जाता है।

प्रीलिम्स के बाद मेन्स परीक्षा

मुख्य परीक्षा में दो भाषा के पेपर होते हैं, जो क्वालिफाइंग प्रकृति के होते हैं और उनमें 33% अंक प्राप्त करना आवश्यक होता है। दोनों पेपर तीन-तीन घंटे के होते हैं। एक पेपर निबंध का होता है और 3 घंटे में अपनी पसंद के अलग-अलग विषयों पर दो निबंध लिखने होते हैं.

इसके अलावा सामान्य अध्ययन के चार पेपर होते हैं, जिनके लिए तीन घंटे का समय दिया जाता है.

अंत में, एक वैकल्पिक पेपर होता है, जिसमें दो परीक्षाएं होती हैं और इसका विषय उम्मीदवार द्वारा

चुना जाता है। क्वालीफाइंग को छोड़कर सभी पेपरों के अंक मुख्य परीक्षा की मेरिट सूची में शामिल किए जाते हैं।

मेन्स पास करने के बाद इंटरव्यू

मुख्य परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद, उम्मीदवार को एक विस्तृत आवेदन पत्र (डीएएफ)

भरना होता है, जिसके आधार पर व्यक्तित्व परीक्षण आयोजित किया जाता है। फॉर्म में भरी गई

जानकारी के आधार पर ही इंटरव्यू के दौरान सवाल पूछे जाते हैं। इंटरव्यू में प्राप्त अंकों को

जोड़कर मेरिट लिस्ट तैयार की जाती है और इसके आधार पर ऑल इंडिया रैंकिंग तय की जाती है।

आईएएस पद रैंकिंग के आधार पर मिलता है

विभिन्न श्रेणियों (सामान्य, एससी, एसटी, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस) की रैंकिंग तैयार की जाती है

और रैंकिंग के आधार पर आईएएस, आईपीएस या आईएफएस रैंक दी जाती है। टॉप रैंक

वालों को आईएएस मिलता है, लेकिन कभी-कभी टॉप रैंक पाने वालों की प्राथमिकता

आईपीएस या आईआरएस होती है, जबकि निचली रैंक वालों को भी आईएएस पद मिल

सकता है। इसके बाद रैंक वालों को आईपीएस और आईएफएस पद मिलते हैं।

IAS UPSC Exam: आईएएस अधिकारी विभिन्न मंत्रालयों में काम करते हैं

यूपीएससी पास करने वाले अभ्यर्थियों को आईएएस यानी भारतीय प्रशासनिक सेवा के

जरिए देश के नौकरशाही ढांचे में काम करने का मौका मिलता है। हालांकि, इससे पहले

चयनित उम्मीदवारों को ट्रेनिंग दी जाती है. विभिन्न मंत्रालयों और प्रशासन विभागों में

आईएएस अधिकारियों की नियुक्ति की जाती है। कैबिनेट सचिव एक आईएएस अधिकारी

के लिए सबसे वरिष्ठ पद है।

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